मलकापुर शहर में परपट के लीडर, रहनुमा और रहबर कार्यकर्ता अपने आका का जन्मदिन मनाने के लिए यह गांव से वह गांव तक बड़ी धूमधाम से जा सकते हैं, लेकिन अपने ही क्षेत्र और जनता की समस्याओं की तरफ देखने तक का वक्त इनके पास नहीं है
शहर की नालियों में कचरा भरा पड़ा है, कचरा उठाने वाली गाड़ियां हफ्तों से नदारद हैं जगह-जगह पानी की पाइपलाइन फटी पड़ी है, जिससे गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। आम जनता जन्म दाखिलों के आदेश के लिए दफ्तर-दफ्तर भटक रही है, लेकिन उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही
आम नागरिक सवाल पूछ रहे हैं क्या जनता की समस्या से ज्यादा महत्वपूर्ण नेताओं का जन्मदिन मनाना है? क्या विकास के नाम पर केवल दिखावा ही बाकी रह गया है
मलकापुर की जनता अब जवाब मांग रही है कि आखिर कब उनके क्षेत्र की समस्या पर ध्यान दिया जाएगा, या फिर यह हालात यूं ही बदहाल बने रहेंगे इलेक्शन को सामने देखते हुए सभी अपने अका की जी हुजूरी में लगे हुए हैं और उनके शत्रुंजय उठाने में लगे हुए हैं ताकि आका उन्हें टिकट देंगे लेकिन टिकट लेने से कोई नगरसेवक नहीं बन जाता है नगरसेवक बनने के लिए आम जनता ही चुन के देती है आम जनता की चौखट पर जाकर वोटो की भीख मांगने वाले अपने आप को नेता समझने वालों को जवाब देने का अब टाइम आ चुका है ऐसी मलकापुर शहर की आम जनता में चर्चा चल रही है
