*राष्ट्रपति को पाँच माँगें सौंपी गईं*
*2,000 लोगों ने आत्मसमर्पण किया।
*प्रतिभा शिंदे, समिभा पाटिल और सुमित्रा अहिरे का खुला समर्थन*
आज, वक्फ बचाओ समिति के नेतृत्व में जलगाँव शहर के जी.एस. ग्राउंड में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में दो घंटे का विरोध प्रदर्शन किया गया।
जलगाँव और आसपास के इलाकों से हज़ारों लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और "वक्फ की संपत्ति हमारी अमानत है - सरकारी संपत्ति नहीं" जैसे नारे लगाए।
इस कार्यक्रम के बाद, 2000 प्रदर्शनकारियों ने स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस प्रशासन ने उन्हें प्रतीकात्मक रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की धारा 150 के तहत गिरफ्तार किया और धारा 151 के तहत रिहा कर दिया।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट डॉ. शमीभा पाटिल से मुलाकात की। श्रीमंत हरकर के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा गया।
*राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन*
इस दौरान, बहुजन क्रांति मोर्चा की सुमित्रा अहिरे, राष्ट्रवादी अजित पवार गुट की प्रतिभा ताई शिंदे और वंचित आघाड़ी की समीभा पाटिल ने धरने और जेल भरो में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होकर और मार्गदर्शन देकर तथा वक्फ अधिनियम का विरोध करके वक्फ बचाओ समिति का समर्थन किया।
*वक्फ बचाओ समिति की मुख्य माँगें:*
1) वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को तत्काल निरस्त किया जाए।
2) वक्फ संपत्ति पर केंद्र सरकार का नियंत्रण समाप्त किया जाए।
3) वक्फ बोर्ड का संचालन स्वतंत्र, पारदर्शी और सामुदायिक प्रतिनिधियों द्वारा किया जाए।
4) वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण और अवैध हस्तांतरण की जाँच की जाए और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए।
5) मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों जैसी संस्थाओं के लिए ई-पंजीकरण की तिथि दो साल बढ़ाई जाए।
*कार्यकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश*
वक्फ बचाओ समिति के अध्यक्ष मुफ़्ती खालिद ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 29 और 30 के तहत अल्पसंख्यकों को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकारों का घोर उल्लंघन करता है।
इससे देश भर के मुस्लिम समुदाय में गंभीर असंतोष, चिंता और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है।
समिति के समन्वयक फ़ारूक़ शेख़ ने अपने परिचय में कहा, "हमारा आंदोलन किसी व्यक्ति या पार्टी के ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि हमारे अधिकारों, हमारी आस्था और हमारे संविधान की रक्षा के लिए है।
अगर सरकार इस अन्यायपूर्ण कानून को रद्द नहीं करती है, तो यह आंदोलन सिर्फ़ महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फैल जाएगा।"
अंततः, वक्फ बचाओ समिति ने समुदाय द्वारा अनुमोदित पाँच प्रस्ताव जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए, जिनमें अंततः देश में शांति, एकता और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए इस कानून को तत्काल निरस्त करने का अनुरोध किया गया।
**दिशानिर्देश दिए गए*
मज़हर पठान, हाफ़िज़ कासिम, मौलाना ओसामा, डॉ. जावेद, मुफ़ज़ीर, हाफ़िज़ तौफ़ीक़ शाह, मस्तफ़ीक़ शकील (सभी जलगाँव से), क़ुर्बान मेंबर, कलीम मेंबर (फ़ैज़पुर), इरफ़ान सेठ (चिनावल), जावेद मुल्ला और अशफ़ाक़ भाई (जामनेर)। असलम मेंबर, हाकिम चौधरी (मुक्ताई नगर), साबिर मेंबर (भुसावल), सोनू काज़ी चोपड़ा, रफ़ीक़ भाई हिंगोना, सादिक टेलर न्हावी और अमीन भाई ने मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत हाफ़िज़ द्वारा क़ुरान की तिलावत से हुई, उसके बाद कारी शफ़ीक़ पटेल ने नात और हुज़ैफ़ा अतीक ने तराना पेश किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना और प्रस्तावना फारूक शेख ने प्रस्तुत की, संचालन हाफिज रहीम ने किया और घोषणाएँ अनीस शाह, आबिद शेख और आरिफ देशमुख ने कीं। शकील सर ने धन्यवाद ज्ञापन किया और मुफ्ती खालिद ने नमाज़ पढ़ाई। इसी के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
*जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को वक्तव्य*
धरना-प्रदर्शन के दौरान पारित पाँच प्रस्ताव अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट डॉ. श्रीमंत हरकर के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए गए।
चित्र
1) धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए
2) वक्फ बचाव समिति के सदस्य अपनी याचिका प्रस्तुत करते हुए
3) समिभा पाटिल अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी माँगें प्रस्तुत करती हुई। उनके साथ फारूक शेख, मुफ्ती खालिद, अशफाक पटेल, जावेद मुल्ला, साबिर आदि सदस्य मौजूद थे।
