कुछ उर्दू स्कूलों में शिक्षक प्रिंसिपल वह मैनेजमेंट के जल्लाद बैठे हैं देख कर भेजना अपने बच्चों को स्कूलों में क्यों के पैसे कमाने वाले बी हिसाब बैठे हैं

शैख़ जमील मुख्य संपादक शब्द की गूंज
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 हम बात कर रहे हैं मलकापुर शहर की कुछ उर्दू स्कूलों के बारे में क्योंकि मलकापुर शहर में ऐसी चर्चा चल रही है कि एजुकेशन के नाम पर वाइट कलर वाले भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उनके साथ उसे स्कूल के प्रिंसिपल वह कुछ टीचर भी मिले हुए हैं हम तो यहां तक कहेंगे के चपरासी से लेकर प्रिंसिपल तक और मैनेजमेंट तक सब एक ही थाली के चट्टे पेट हैं चर्चा तो ऐसी भी है कि मैनेजमेंट लाखों रुपए लेकर कोई भी टीचर लग रहे हैं और उसमें प्रिंसिपल भी मिले हुए हैं  कई मर्तबा उर्दू स्कूलों को लेकर टीचर वह प्रिंसिपल और मैनेजमेंट को लेकर पेरो में भी न्यूज़ छपी है बहुत से लोगों ने टकरी और जब भी शिक्षा अधिकारियों को दिया है लेकिन शिक्षण अधिकारी भी इस पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है क्या उनकी भी इसमें मिली भगत है ऐसी भी चर्चा आम जनता में है आज मलकापुर शहर में अल्पसंख्यक समाज के लोगों को एजुकेशन की बहुत जरूरत है लेकिन चंद सिक्कों के लिए अपना जमीर बेचने वाले मैनेजमेंट और प्रिंसिपल वह बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं क्योंकि मैनेजमेंट तो मनीराम को लेकर कोई भी टीचर स्कूलों में लगा देते हैं उसके बाद बात आती है स्कूल के प्रिंसिपल की जिसके कंधे पर पूरी स्कूल की जिम्मेदारी होती है वही प्रिंसिपल अपनी जिम्मेदारी को छोड़कर ठेकेदारी करता है और प्लाटिंग की दलाली करता है पान गुटके छपते हैं  हमने तो यहां तक सुना है कि स्कूलों के अंदर ही प्रिंसिपल प्लाटिंग के दलालों को बुलाकर बात करते हैं चाय पीते हैं और प्लाटिंग के लेवे देवी की बात करते हैं जब मैनेजमेंट और प्रिंसिपल ही ऐसा करते हैं तो बाकी के टीचरों का क्या हाल होगा उनके वजह से बच्चों का एजुकेशन खराब हो रहा है यहां तो सरकार से मिले हुए कंप्यूटर का टीचर भी कुछ स्कूल में नहीं है अल्पसंख्यक समाज के उर्दू स्कूलों के लिए जो निधि आती है वह भी किधर खर्च होती है यह भी पता नहीं चलता है स्कूल के ग्राउंड में साफ सफाई नहीं वहां पर कोई झाड़ लगे हुए नहीं है यह विषय में शब्द की गूंज के संपादक शेख जमाल शेख जान मोहम्मद अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यार खान सर से रिक्वेस्ट करने वाले हैं की आप अकोला जिला तक आए हुए हैं तो बुलढाणा जिला के मलकापुर शहर में भी आपकी उर्दू स्कूलों में भी आकर देखना चाहिए यहां पर भी बहुत से अल्पसंख्यक समाज के बच्चों के भविष्य से खेला जा रहा है और बहुत जल्दी हम अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष उनको इस विषय में तकरार देने वाले हैं क्योंकि यहां पर कुछ उर्दू स्कूलों मैं राजकरण लोगों ने राजकरण का अड्डा बनाकर रखा है आम जनता ने भी अपने बच्चों को ऐसी स्कूलों में नहीं डालना चाहिए जिसके वजह से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है बाकी की न्यूज़ हम अगले हमारे आने वाले पेपर में लगाएंगे जय हिंद जय महाराष्ट्र

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