मलकापुर की जनता त्रस्त: 10-12 दिन पानी नहीं, कचरा भी नहीं उठ रहा प्रशासन मौन!

शैख़ जमील मुख्य संपादक शब्द की गूंज
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 मलकापुर शहर में नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। पिछले कई दिनों से जल आपूर्ति पूरी तरह चरमराई हुई है। 10- और 12 दिनों तक लोगों के घरों में पानी की एक बूंद नहीं पहुंच रही है, वहीं दूसरी तरफ नलों से जो पानी आ भी रहा है, वह गंदा, बदबूदार और इस्तेमाल के लायक नहीं है

सिर्फ पानी ही नहीं, शहर की साफ-सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह ठप हो गई है। कचरा उठाने वाली गाड़ियां कई इलाकों में पहुंची हैं। इससे नालियों में जाम, गलियों में कचरे के ढेर और बदबू का माहौल बन गया है। बीमारी फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है और उसमें उन्हें एक दिन की छुट्टी भी दी जा रही है नगर परिषद टैक्स पार्टी  के ऊपर कचरे का भी पैसा लेती है लेकिन नगर परिषद एक दिन की छुट्टी कौन से कायदे से दे रही है यह आम जनता के समझ में नहीं आ रहा है लेकिन प्रशासन आंख मूंदे करके बैठा है। इस पर भी प्रश्न चिन्ह है

स्थानीय नागरिक ने बताया, “हम लोग रोज़ नल आने का इंतजार करते हैं, लेकिन कोई पानी आता है, और आता भी है तो गंदा पानी आता है हम क्या करें? अधिकारी फोन उठाते नहीं, शिकायत करो तो कार्रवाई होती नहीं।”

नगर परिषद प्रशासन से जवाब मांगने पर सिर्फ आश्वासन मिलता है इससे पहले बिसलेरी बोतल में पानी भर के एसडीएम साहब को भी बताया गया था "जल्द व्यवस्था सुधारी जाएगी", एसडीएम साहब ने कहा था लेकिन हकीकत में ना कोई ठोस कदम उठाया गया है और ना ही किसी को जिम्मेदार ठहराया गया है।

क्या यही है 
जहां एक तरफ सरकार विकास की बड़ी-बड़ी बातें करती है, वहीं दूसरी ओर मलकापुर जैसे शहरों में लोग पानी और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सवाल ये है कि जब नागरिक टैक्स भरते हैं, तो फिर उन्हें बदले में गंदा पानी और गली-मोहल्लों में सड़ता कचरा क्यों मिल रहा है?

जनता की चेतावनी:
अगर जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो मलकापुर की जनता विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगी या फिर 15 अगस्त पर आमरण ऑपशन भी करेगी ऐसी जनता में चर्चा है

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