मलकापुर में टिकट फॉर्म भरने का नया धंधा आम जनता में चर्चाओं का बाज़ार गर्म

शैख़ जमील मुख्य संपादक शब्द की गूंज
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मलकापुर शहर में इस समय तेज़ी से चर्चा फैल रही है कि राजकीय पैनल पट की ओर से उम्मीदवारी  के फॉर्म भरे जा रहे हैं बताया जा रहा है कि इन फॉर्म की फीस ₹2500 से ₹4000 तक रखी गई है
लेकिन अब बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि 
अगर उम्मीदवार को टिकट नहीं मिला तो क्या ये रकम वापस की जाएगी या फिर यह सिर्फ़ नया राजनीतिक धंधा बनकर रह जाएगा 
 जनता के सवाल  जवाब कौन देगा
शहर के राजनीतिक गलियारों में ये बातें जोर पकड़ रही हैं कि
टिकट पाने की कोई गारंटी नहीं फिर भी लोगों से ₹2500–₹4000 वसूला जा रहा है
कहा जा रहा है फॉर्म भरो हम ऊपर भेज देंगे ऊपर से फैसला होगा टिकट किसको मिलेगा
लेकिन जनता पूछ रही है  अगर फैसला ऊपर ही होना है तो फिर इतने सालों से पार्टी के साथ चलने वालों का क्या
सबसे अहम सवाल  अगर टिकट नहीं मिला तो भरी गई फीस वापस होगी या नहीं
जनता का आरोप राजनेताओं ने  नया कारोबार शुरू कर दिया है क्या
जिन नेताओं ने पहले पद भूगते है उन्होंने शहर का विकास कितना किया है
अब यही लोग नए चेहरों को यह कहकर फॉर्म भरवा रहे हैं कि पैसे भरो टिकट के हम ऊपर तक पहुंचा देंगे
 भावी उम्मीदवारों की भावनाओं के साथ खेला जा रहा है
 अगर टिकट नहीं मिला तो पैसा वापस मिलेंगे क्या इन राजनीति 
नेताओं ने विकास नहीं किया लेकिन अब नए-नए तरीके निकाल रहे हैं जनता की जेब ढीली करने के लिए
ऊपर फैसला होगा  ये कहकर नीचे से पैसा लेना क्या सही है
 सवाल जो हर नागरिक पूछ रहा है 
क्या फॉर्म फीस रिफंडेबल है
 टिकट का कोई लिखित आश्वासन दिया जा रहा है
 क्या यह प्रक्रिया पार्टी की आधिकारिक है या कुछ लोगों का प्राइवेट सिस्टम
 शहर में विकास किए बिना फिर से राजनीति का चेहरा दिखाने का क्या फायदा है
मलकापुर शहर में टिकट की उम्मीदवारी के नाम पर जो पैसा लिया जा रहा है वह सवालों के घेरे में है जनता चाहती है कि राजनीतिक पैनल इस प्रक्रिया को पर्दाफाश करें  ताकि यह राजनीति का  धंधे का खुलासा हो सके ऐसी चर्चा मलकापुर शहर में चल रही है

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