महापुरुषों के चित्रों के अपमान पर विवाद, पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय मानवाधिकार संगठन दिल्ली की पहल पर मिटा बड़ा विवाद

शैख़ जमील मुख्य संपादक शब्द की गूंज
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मलकापुर: सरस्वती सीनियर कॉलेज, मलकापुर, जिल्हा बुलढाणा महाराष्ट्र में  विवाद खड़ा हो गया जब छात्रों ने कॉलेज परिसर में महापुरुषों के चित्र न होने पर आपत्ति जताई। कुछ शिक्षकों ने छात्रों के सवालों के अनुचित और तुच्छ उत्तर दिए, जिससे माहौल गरमा गया और कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गई।

सूचना मिलने पर मलकापुर सिटी थाने के थानेदार गणेश गिरि और केंद्रीय मानवाधिकार संगठन, नई दिल्ली के बुलढाणा जिले के उपाध्यक्ष प्रो. शुभम प्रवीण सावले तुरंत मौके पर पहुँचे। दोनों ने छात्रों से बात की और स्थिति को शांत करने की पहल की।

जब छात्र अपने स्कूल के प्रमाण पत्र लेने सरस्वती स्कूल पहुँचे, तो उन्होंने पाया कि कार्यालय की दीवारों पर महापुरुषों के चित्र नहीं लगे थे। पूछताछ करने पर संबंधित कर्मचारी टालमटोल करने लगे। कुछ छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई और प्रो. शुभम प्रवीण सावले को सूचित किया। सावले अपने साथियों के साथ तुरंत कॉलेज पहुँचे और स्टाफ से बातचीत की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद वे सीधे मलकापुर शहर पुलिस थाने पहुँचे और लिखित शिकायत दर्ज कराई।

थाना प्रभारी गणेश गिरी ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत मौके पर पहुँचे।

उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि वे तुरंत दीवार पर महापुरुषों के चित्र सम्मानपूर्वक लगाएँ और उन पर पुष्प अर्पित करें। सावले और छात्रों ने चित्र लगाए और मालाएँ चढ़ाईं।

इस पूरी प्रक्रिया में गौरव इंगले, दीपक इंगले का सहकार्य मिला । जगा पर मौजूद पत्रकार करण झनके, छात्र आदेश प्रभाकर इंगले, हर्षल गजानन मेसरे आदि मौजूद थे।

थानेदार गणेश गिरी और प्रो. शुभम प्रवीण सावले की तत्परता से एक बड़ा विवाद टल गया और कॉलेज परिसर में शांति स्थापित हुई।

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